कैं डोलिम उत्तरी गोवा में एक जनगणना शहर है और भारत के गोवा राज्य में बर्दे ज़ तािक ु ा में स्थित है । यह कैिंगट ं वेररम के उत्तर में स्थित है । ु बीच के ठीक र्दक्षिण में और ल क् 16वीं शताब्र्दी के उत्तरार्ध के र्दौरान, कैं डोलिम बर्दे ज़ में फ्ांल थकन द्वारा परू ी तरह े ई ाई र्मध में पररवर्तधत होने वािा पहिा गांव बन गया । [1] [2] इ के ग्रामीणों की वतधमान ई ाई पहचान एक ब्राह्मण गंवकर ( कोंकणी : फ्ीहोल्डर) िोगों के कुिीन वगध त ं ु ल नाय ( शेनॉय ) के र्मध पररवतधन े जड ु ी है , जो अपने े िे । [2] त ं ु ल नय (1577-1640), नारू ल नय के पत्र ु िे; जो पहिे िट ु ोलिम , ाि ेटे े चिे गए िे, और खुर्द को कैं डोलिम में थिापपत ककया, जहां उन्होंने 13 अगथत 1604 को कम्यर्ू नडेड के पांचवें वैनगोड (कबीिे) को खरीर्दा । [3] 1624 के बार्द नारू ल नाय की मत्ृ यु हो गई, और उनकी पत्नी और तीन जीपवत रहे बेटे- जेरोर्नमो डी ज ू ा, की उम्र में अपने पररवार के बाकी ट ैं ू ल नाय, और किथटोवाओ डी'एंड्रड ै । [3] र्दथयों के ट ैं ू ल नाय 8 ाि पररवर्तधत हो गए और बार्द में उन्होंने ाि ाल्वाडोर पपंटो का नाम िे लिया। [3] उनके गॉडफार्दर फार्दर िे। मनोएि पपंटो, कैं डोलिम के चचध ऑफ आवर िेडी ऑफ होप और री मैगो । [4] मैगो के मर्दर ा के एक फ्ांल थकन रे क्टर । [3] उनका पािन-पोषण री के मर्दर ा में हुआ, जहां उन्होंने ट ें फ्ांल ज़ेपवयर के प्रर्त एक महान भस्क्त पवकल त की ाल्वाडोर पपंटो को र्दो फ्ांल थकन पज ु ाररयों, फार्दर द्वारा पढाया गया िा। पपंटो और फार्दर. ल मो र्दे नाज़रे ि; जो कैं डोलिम पैररश के रे क्टर के रूप में पव ू ध के उत्तराधर्कारी बने। [3] ाल्वाडोर पपंटो ने गााँव में ई ाई र्मध फैिाने के लिए उत् ाहपव ध काम ककया। [2] फार्दर. डी नाज़रे ि का ू क वाय राय पर बहुत प्रभाव िा और गााँव को बर्दिने में ाल्वाडोर पपंटो के जबरर्दथत काम को मान्यता र्दे ते हुए, उन्होंने उनके लिए कई जीवन अनर्द ु ान और ररयायतें प्राप्त कीं जो अभी भी उनके वंशजों के पा हैं। [4] फार्दर. डी नाज़रे ि, फार्दर के प्रर्तर्नधर् के रूप में । लमगए ु ि डी ए इंडीज के कथटोडडयन और जनरि कलमश्नर और अलभयोजक डडओगो डाय - ने ाल्वाडोर पपंटो और उनके र्दो थिायी कब्रें प्रर्दान कीं। ट्रॅ न ेप्ट, बोम जी और ट ें फ्ांल की वेर्दी के बोनावें टुरा - ईथट के ल डं डक और परम पावन के रु एंटोर्नयो परे रा को कैं डोलिम चचध में ामने, और ट्रॅ न ेप्ट में उनकी पत्नी ा , माररया और कैिरीना परे रा के लिए भी; उ की कब्र र्दो पाररशवाल यों, पेड्रो फ्ांल थको डी ेक्वेरा और ज ू ा की कब्रों के बीच स्थित है । [4] कैं डोलिम 1787 के पत ध ािी पवरोर्ी पवद्रोह का केंद्र बबंर्द ु िा , स्ज े " पपंटो की ु ग ास्जश " भी कहा जाता िा, क्योंकक इ का नेतत्ृ व गांव के पपंटो (शेनॉय) कबीिे के पज ु ाररयों ने ककया िा । [5] यह पवद्रोह पार्दरी और रकार में पर्दों े ब ं धं र्त मि ू र्नवाल यों के ाि र्नरं तर भेर्दभाव के कारण हुआ। इ े पपंटो पररवार नाराज हो गया, जो गोवा में पत ध ालियों के ु ग हधियारों के कोट े म्मार्नत ककया गया िा। रं िकों में े िे और उन्हें 1770 में