Uploaded by Nandita Tiwari

हिंदू कैलेंडर

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कम� प्र�धान िव�� र�च राखा। जो जस करिह सो तस फल चाखा।।
यह जगत कम� प्र�धान है। जो जैसा कम�
करता है, उसे वैसा ही फल प्राप्त होता है।
चै�/वैशाख
िव.सं. 2080
माच�/अ�ैल 2023
वसंत ऋतु
रिववार
सोमवार मंगलवार बुधवार
30
अप्रैल
वैशाख शक्
ु ल प��
दशमी
9354422798
26
यमुना छठ
2
ष�ी
प्रदोष व्रत
वैशाख कृष्ण प��
16
श्री गणेश चतु�थ� व्रत
अ��य तृतीया
परशरु ाम जयंती
वैशाख शक्
ु ल प��
तृतीया
सप्तमी
महावीर जयंती
प्रदोष व्रत
17
23
वैशाख शक्
ु ल प��
चतु�थ�
श्री �गा� अ�मी
29
प्रितपदा
अ�मी
5
त्रयोदशी
आिद शंकराचाय�
जयंती
वैशाख शक्
ु ल प��
पंचमी
30
श्री राम नवमी
नवमी
श्री हनुमान ज�ो�सव
गंगा स्नान पू�ण�� मा
26
वैशाख शक्
ु ल प��
षड्दश�न
सांख्य
योग
न्याय
प्रणेता ऋिष किपल पतं ज�ल गौतम
20
सूय� ग्रहण
27
गंगा सप्तमी
वैशाख शक्
ु ल प��
चतु�थ�
कामदा एकादशी
माच�
1
अप्रैल
चैत्र शक्
ु ल प��
दशमी
7
14
मेष संक्रा�न्त**
िह�� � सूय� नव वष�
नवमी
िद्वतीया
15
दशमी
22
वैशाख शक्
ु ल प��
28
वैशाख शक्
ु ल प��
8
वैशाख कृष्ण प��
21
प्रितपदा
एकादशी
वैशाख कृष्ण प��
वैशाख शक्
ु ल प��
अमावस्या
वैशिे षक
कणाद
31
वैशाख कृष्ण प��
अ�मी
सप्तमी
तृतीया
प्रितपदा
13
25
चैत्र शक्
ु ल प��
वैशाख कृष्ण प��
वैशाख कृष्ण प��
चतुद�शी
ष�ी
6
वैशाख कृष्ण प��
19
गणगौर
चैत्र शक्
ु ल प��
12
वैशाख कृष्ण प��
25
िद्वतीया
पू�ण�� मा
सप्तमी
24
गौरी तृतीया
चैत्र शक्
ु ल प��
चैत्र पू�ण�� मा
वैशाख कृष्ण प��
18
माच�
चैत्र शक्
ु ल प��
11
पंचमी/ष�ी
23
चैत्र शक्
ु ल प��
चतुद�शी
वैशाख कृष्ण प��
24
22
चैत्र शक्
ु ल प��
वैशाख कृष्ण प��
वैशाख कृष्ण प��
द्वादशी
4
त्रयोदशी
10
चतु�थ�
प्र�थम नवरात्र
िह�� � चं द्र नव वष�
िवक्रम सम्वत 2080*
चैत्र शक्
ु ल प��
चैत्र शक्
ु ल प��
चैत्र शक्
ु ल प��
वैशाख कृष्ण प��
वैशाख कृष्ण प��
एकादशी
3
द्वादशी
9
वै���थनी एकादशी
चैत्र शक्
ु ल प��
चैत्र शक्
ु ल प��
द्वादशी
28
27
चैत्र शक्
ु ल प��
चैत्र शक्
ु ल प��
तृतीया
**वैशाखी, िब�,
पाना संक्रा�ित,
पोइला बोइशाख, पु�थंडु
सम्पक� सूत्र @
चैत्र शक्
ु ल प��
पंचमी
*उगाद�, गुड़ी पड़वा,
चेती चांद, नवरेह
शु�वार शिनवार
गु�वार
िद्वतीया
सीता नवमी
29
वैशाख शक्
ु ल प��
अ�मी
नवमी
मीमांसा
जै�मिन
वेदान्त
बादरायण
samarthya4bharat.com क� पहल @9354422798
ु न
मा�ाता च महीपितः कृतयुगालं कार भूतो गतः। सेतय
� महोद�धौ िवर�चतः क्वासौ दशास्यान्तकः।।
अन्ये चािप यु��धि�र प्रभृतयो याता िदवम् भूपते। नैकेनािप समम् गता वसुमती नूनम् त्वया यास्यित।।
धम� र��ित र���तः।
जो धम� क� र��ा करता है,
धम� भी उसक� र��ा करता है।
वैशाख/जये�
श्री मोिहनी अवतार
िव.सं. 2080
मई 2023
�ीषम ऋतु
रिववार
सोमवार मंगलवार बुधवार
मोिहनी एकादशी
1
वैशाख शक्
ु ल प��
7
�े� कृष्ण प��
िद्वतीया
�े� कृष्ण प��
एकादशी
तृतीया
वृषभ संक्रा�ित
अपरा एकादशी
�े� कृष्ण प��
एकादशी
�े� शक्
ु ल प��
�े� शक्
ु ल प��
21
�े� शक्
ु ल प��
अ�मी
28
तृतीया
�े� शक्
ु ल प��
नवमी
�े� कृष्ण प��
22
द्वादशी
23
29
श्री गंगा दशहरा
�े� शक्
ु ल प��
दशमी
प्रदोष व्रत
�े� कृष्ण प��
17
त्रयोदशी
पंचमी
िनज�ला एकादशी
18
31
ष�ी
नारद जयंती
प्रितपदा
13
12
�े� कृष्ण प��
अ�मी
सप्तमी
वट सािवत्री व्रत
शिन जयंती
�े� शक्
ु ल प��
26
सप्तमी
20
19
अमावस्या
�े� शक्
ु ल प��
6
�े� कृष्ण प��
पू�ण�� मा
25
�े� शक्
ु ल प��
5
�े� कृष्ण प��
चतुद�शी
24
बुद्ध पू�ण�� मा
चं द्र ग्रहण उप�ाया
�े� कृष्ण प��
�े� कृष्ण प��
�े� शक्
ु ल प��
30
11
ष�ी
शु�वार शिनवार
वैशाख शक्
ु ल प��
चतुद�शी
�े� कृष्ण प��
�े� शक्
ु ल प��
चतु�थ�
पंचमी
4
वैशाख शक्
ु ल प��
�े� कृष्ण प��
16
नर�स�� ह जयंती
10
9
चतु�थ�
3
त्रयोदशी
�े� कृष्ण प��
15
प्रदोष व्रत
वैशाख शक्
ु ल प��
द्वादशी
8
नवमी/दशमी
िद्वतीया
वैशाख शक्
ु ल प��
�े� कृष्ण प��
14
2
गु�वार
प्रितपदा
27
�े� शक्
ु ल प��
सप्तमी
�े� शक्
ु ल प��
एकादशी
सतयुग के अलं कार मा�ाता, समुद्र पर सेतु का िनमा�ण और दसमुख का व�ध करने वाले श्री राम और यु��धि�र जैसे
स�वाद� सम्राट भी धरती पर आये और चले गये। हे मु�! यह धरती िकसी एक के भी सा�थ नहीं गयी, तो �ा तुम्हारे
सा�थ जायेगी? नहीं !
समत्वं योग उच्यते।
जये�/आषाढ़ �
श्री जग�ाथ यात्रा
िव.सं. 2080
जून 2023
�ीषम ऋतु
रिववार
सोमवार मंगलवार बुधवार
गु�वार
प्रदोष व्रत
1
�े� शक्
ु ल प��
5
आषाढ़ कृष्ण प��
�े� शक्
ु ल प��
पू�ण�� मा
11
आषाढ़ कृष्ण प��
अ�मी
आषाढ़ शक्
ु ल प��
सप्तमी
आषाढ़ कृष्ण प��
12
आषाढ़ कृष्ण प��
18
चं द्र दश�न
आषाढ़ नवराित्र
25
आषाढ़ शक्
ु ल प��
अ�मी
13
19
जग�ा�थ र�थ
यात्रा
26
आषाढ़ शक्
ु ल प��
नवमी
चतु�थ�
यो�गनी एकादशी
एकादशी
20
आषाढ़ शक्
ु ल प��
िद्वतीया
आषाढ़ कृष्ण प��
14
अं तरा��्रीय योग
िदवस
27
आषाढ़ शक्
ु ल प��
दशमी
�म�थुन संक्रा�ित
प्रदोष व्रत
आषाढ़ कृष्ण प��
15
आषाढ़ कृष्ण प��
21
आषाढ़ शक्
ु ल प��
तृतीया
पंचमी
द्वादशी
श्री गणेश चतु�थ�
आषाढ़ शक्
ु ल प��
28
चतु�थ�
देवशयनी
एकादशी
आषाढ़ शक्
ु ल प��
एकादशी
सप्तमी
16
आषाढ़ कृष्ण प��
22
पंचमी
10
17
आषाढ़ कृष्ण प��
चतुद�शी
23
आषाढ़ शक्
ु ल प��
29
गायत्री जयन्ती
आषाढ़ कृष्ण प��
ष�ी
त्रयोदशी
3
चतुद�शी
9
8
वट पू�ण�� मा व्रत
�े� शक्
ु ल प��
त्रयोदशी
आषाढ़ कृष्ण प��
आषाढ़ कृष्ण प��
दशमी
आषाढ़ शक्
ु ल प��
प्रितपदा
िद्वतीया/तृतीया
आषाढ़ कृष्ण प��
नवमी
आषाढ़ कृष्ण प��
अमावस्या
प्रितपदा
7
6
2
�े� शक्
ु ल प��
द्वादशी
4
शु�वार शिनवार
24
आषाढ़ शक्
ु ल प��
30
ष�ी
आषाढ़ शक्
ु ल प��
द्वादशी
योगसथः कु� कमा�िण स�ं �कतवा धन�य। िसदधयिसदधयोः समो भूतवा समतवं योग उचयते।।2.48।।
हे धन�य! तू आस�क्त का �ाग करके �स�द्ध-अ�स�द्ध म� सम होकर योग म� �स्थत �आ कम� को
कर; �ोंिक समत्व ही योग कहा जाता है।
िवद्या�थ� के पांच ल��ण
काक चे�ा, बको ध्यानं , स्वान िनद्रा त�थैव च।
अल्पहारी, गृह�ागी, िवद्या�थ� पंच ल��णम् ॥
अहं ब्र�ा��।
आ�मा ही ब्र� है।
आषाढ़ /�ावण �
आिद शंकराचाय� जी
िव.सं. 2080
जुलाई 2023
काक चेष्टा, बको ध्यानं,
स्वान निद्रा तथैव च ।
अल्पहारी, गृहत्यागी,
विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥
वषा� ऋतु
रिववार
प्रितपदा
प्रदोष व्रत
30
श्रावण शक्
ु ल प��
सोमवार तृमंतग
लवार चतुबु�थध
वार
ीया
�
िद्वतीया
2
आषाढ़ शक्
ु ल प��
कक� संक्रा�न्त
9
श्रावण शक्
ु ल प��
पंचमी
गु� पू�ण�� मा
आषाढ़ पू�ण�� मा
पू�ण�� मा
16
अ�मी
सोमवती अमावस्या
श्रावण कृष्ण प��
10
23
श्रावण शक्
ु ल प��
ष�ी
प्रितपदा
17
नवमी
अ��धक मास आर�
11
24
श्रावण शक्
ु ल प��
सप्तमी
िद्वतीया
12
18
दशमी
25
श्रावण शक्
ु ल प��
अ�मी
13
श्रावण कृष्ण प��
19
श्रावण शक्
ु ल प��
िद्वतीया
तृतीया/चतु�थ�
का�मका एकादशी
एकादशी
26
श्रावण शक्
ु ल प��
नवमी
श्रावण कृष्ण प��
1
पंचमी
प्रदोष व्रत
20
द्वादशी
14
27
श्रावण शक्
ु ल प��
दशमी
8
ष�ी
मा�सक �शवराित्र
15
श्रावण कृष्ण प��
21
श्रावण शक्
ु ल प��
तृतीया
त्रयोदशी
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण शक्
ु ल प��
तृतीया
7
6
संक�ी चतु�थ� व्रत
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण शक्
ु ल प��
प्रितपदा
5
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
अमावस्या
4
3
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
चतुद�शी
प्रदोष व्रत
आषाढ़ शक्
ु ल प��
आषाढ़ शक्
ु ल प��
श्रावण कृष्ण प��
सप्तमी
31
श्रावण शक्
ु ल प��
द्वादशी/त्रयोदशी चतुद�शी
चतुद�शी
शु�वार शिनवार
गु�वार
त्रयोदशी
22
श्रावण शक्
ु ल प��
28
चतु�थ�
प�द्मनी/पु�षो�म
एकादशी
29
श्रावण शक्
ु ल प��
एकादशी
उद्यमेन िह �सद्धय�न्त काया��ण न मनोर�थैः। न िह सुप्तस्य �स�� हस्य प्रिवश�न्त मुखे मृगाः।।
प्रय� करने से ही काय� �सद्ध होते ह�, केवल इ�ा करने से नहीं, जैसे िक सोये �ए �स�� ह के
मुँ ह म� मृग अपने आप प्रवेश नहीं करते।
सान�दमान�दवने वसन्तं आन�दक�दं हतपापवृ�दम् ।
वाराणसीना�थमना�थना�थं श्रीिव��ना�थं शरणं प्रपद्ये॥
जो भगवान् शंकर आन�दवन काशी �ेत्र म�
आन�दपूवक
� िनवास करते ह�, जो परमान�द के
िन�धान एवं आिदकारण ह�, और जो पाप समूह
का नाश करने वाले ह�, म� ऐसे अना�थों के ना�थ
काशीपित श्री िव��ना�थ क� शरण म� जाता �ँ।
�ावण
श्री काशी िव�नाथ धाम
िव.सं. 2080
अगसत 2023
वषा� ऋतु
रिववार
सोमवार मंगलवार बुधवार
श्रावण अ��धकमास
पू�ण�� मा
1
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण शक्
ु ल प��
8
7
3
श्रावण कृष्ण प��
प्रितपदा
पू�ण�� मा
6
2
गु�वार
िवभुवन संक�ी
चतु�थ�
4
श्रावण कृष्ण प��
िद्वतीया
9
शु�वार शिनवार
श्रावण कृष्ण प��
चतु�थ�
तृतीया
11
10
5
परम एकादशी
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
श्रावण कृष्ण प��
पंचमी
ष�ी
सप्तमी
अ�मी
नवमी
दशमी
एकादशी
अ��धक प्रदोष व्रत
13
श्रावण कृष्ण प��
द्वादशी
श्रावण कृष्ण प��
20
श्रावण शक्
ु ल प��
चतु�थ�
पुत्रदा एकादशी
श्रावण शक्
ु ल प��
एकादशी
14
त्रयोदशी
नाग प�मी
27
प्रदोष व्रत
श्रावण शक्
ु ल प��
द्वादशी
15
श्रावण कृष्ण प��
21
श्रावण शक्
ु ल प��
पंचमी
स्वतं त्रता िदवस
16
श्रावण कृष्ण प��
क�ल्क जयन्ती
22
ष�ी
ओणम
श्रावण शक्
ु ल प��
त्रयोदशी
23
श्रावण शक्
ु ल प��
29
सप्तमी
र��ा ब�न
श्रावण शक्
ु ल प��
चतुद�शी
�स�� ह संक्रा�न्त
चन्द्र दश�न
17
श्रावण शक्
ु ल प��
चतुद�शी/अमावस अमावस्या
श्रावण शक्
ु ल प��
28
अ��धकमास समाप्त
प्रितपदा
श्रावण शक्
ु ल प��
24
श्रावण शक्
ु ल प��
30
अ�मी
गायत्री जयन्ती
श्रावण पू�ण�� मा
18
िद्वतीया
वरल��ी व्रत
श्रावण शक्
ु ल प��
31
नवमी
ह�रयाली तीज
12
19
श्रावण शक्
ु ल प��
25
तृतीया
26
श्रावण शक्
ु ल प��
दशमी
श्रावण शक्
ु ल प��
पू�ण�� मा/प्रितपदा
होइिह सोइ जो राम र�च राखा। को क�र तक� बढ़ावै साखा॥
जो कुछ राम ने रच रखा है, वही होगा। तक� करके कौन िवस्तार बढ़ाये।
सेष महेस गनेस िदनेस, सुरेस� जा िह िनरं तर गाव�।
जािह अनािद अनं त अखंड, अछे द अभेद सुवद
े बताव�।।
नारद से शक
ु व्यास रट�, प�च हारे तऊ पुिन पार ना पाव�।
तािह अहीर क� छोह�रयां,छ�छया भर छाछ पे नाच नचाव�।।
संत रसखान
भा�पद/आि�न �
िव.सं. 2080
िसतमबर 2023
वषा� ऋतु
रिववार
सोमवार मंगलवार बुधवार
शु�वार शिनवार
गु�वार
1
भाद्रपद कृष्ण प��
हेरम्ब संक�ी चतु�थ�
भाद्रपद कृष्ण प��
चतु�थ�
अजा एकादशी
भाद्रपद कृष्ण प��
10
भाद्रपद कृष्ण प��
एकादशी
वराह जयन्ती
िव��कमा� पूजा
4
3
पंचमी
17
हरता�लका तीज
5
भाद्रपद कृष्ण प��
11
भाद्रपद कृष्ण प��
द्वादशी
बलराम जयन्ती
ष�ी
प्रदोष व्रत
18
श्री गणेश चतु�थ�
6
भाद्रपद कृष्ण प��
12
भाद्रपद कृष्ण प��
त्रयोदशी
ज�ा�मी *�ात�
सप्तमी
13
7
अ�मी
नवमी
14
अमावस्या
20
भाद्रपद कृष्ण प��
8
भाद्रपद कृष्ण प��
भाद्रपद कृष्ण प��
चतुद�शी
ऋिष पंचमी
दही हाण्डी
भाद्रपद कृष्ण प��
भाद्रपद कृष्ण प��
19
ज�ा�मी *इस्का� न
िद्वतीया
21
तृतीया
9
भाद्रपद कृष्ण प��
15
भाद्रपद कृष्ण प��
अमावस्या
2
कजरी तीज
दशमी
चं द्र दश�न
16
भाद्रपद शक्
ु ल प��
22
प्रितपदा
रा�धा अ�मी
23
कन्या संक्रा�ित
भाद्रपद शक्
ु ल प��
िद्वतीया
भाद्रपद शक्
ु ल प��
24
तृतीया
प�रवित�� नी
एकादशी
भाद्रपद शक्
ु ल प��
25
चतु�थ�
भाद्रपद शक्
ु ल प��
26
पंचमी
प्रदोष व्रत
भाद्रपद शक्
ु ल प��
27
ष�ी
गणेश िवसज�न
अनन्त चतुद�शी
भाद्रपद शक्
ु ल प��
28
सप्तमी
पू�ण�� मा श्राद्ध
िपतृप�� प्रार�
भाद्रपद शक्
ु ल प��
29
अ�मी/नवमी
30
भाद्रपद पू�ण�� मा
भाद्रपद शक्
ु ल प��
दशमी
भाद्रपद शक्
ु ल प��
एकादशी
भाद्रपद शक्
ु ल प��
द्वादशी
भाद्रपद शक्
ु ल प��
त्रयोदशी
भाद्रपद शक्
ु ल प��
चतुद�शी
भाद्रपद शक्
ु ल प��
पू�ण�� मा
आ���न कृष्ण प��
प्रितपदा
शेषनाग, श्री गणेश, सूयद
� ेव, इं द्रदेव आिद सब देवता गण एवं भगवान �शव, �जनक� पूजा करते ह�, �जनको वेद
अनािद, अनं त, अखंड, अछे द बताते ह�। नारद, शक
ु और व्यास जैसे ऋिष इनके बारे म� जानने का प्रय� करते ह�,
पर हार जाते ह�। ऐसे श्री कृष्ण जी को अहीरों क� कन्याएँ कटोरे भर छाछ के �लये नाच नचाती ह�।
सवा�बा�धा प्रशमनं त्रैलो�स्या�खले�री।
एवमेव त्वया काय�म�द्वै�र िवनाशनम् ।।
सव���र! आप इसी प्रकार तीनों लोकों क�
समस्त बा�धाओं को शान्त करो और हमारे
शत्रुओं का नाश करती रहो।
मातृदेवो भव।
आि�न/काितक �
नवराित्र उ�सव बुलंदशहर
िव.सं. 2080
अकटू बर 2023
शरद ऋतु
रिववार
1
आ���न कृष्ण प��
सोमवार मंगलवार बुधवार
िव�राज संक�ी
चतु�थ�
2
आ���न कृष्ण प��
िद्वतीया
आ���न कृष्ण प��
तृतीया
9
8
3
चतु�थ�
इ��दरा एकादशी
4
आ���न कृष्ण प��
प्रदोष व्रत
5
आ���न कृष्ण प��
पंचमी
10
गु�वार
शु�वार शिनवार
महाल��ी व्रत पूण�
जीिव�पुित्रका व्रत
आ���न कृष्ण प��
अ�मी
13
12
11
आ���न कृष्ण प��
सप्तमी
ष�ी
7
6
सूय� ग्रहण
*वलयाकार
14
सव�िपतृ अमावस्या
आ���न कृष्ण प��
नवमी
शारद�य नवराित्र
प्रार�,
आ���न कृष्ण प��
15
दशमी
चन्द्र दश�न
आ���न कृष्ण प��
16
एकादशी
आ���न कृष्ण प��
17
द्वादशी
तुला संक्रा�न्त
आ���न कृष्ण प��
18
त्रयोदशी
आ���न कृष्ण प��
19
चतुद�शी
सरस्वती आवाहन
आ���न कृष्ण प��
20
अमावस्या
सरस्वती पूजा
21
घटस्थापना
आ���न शक्
ु ल प��
प्रितपदा
�गा� अ�मी
सरस्वती िवसज�न
आ���न शक्
ु ल प��
22
िद्वतीया
महा नवमी
आ���न शक्
ु ल प��
23
तृतीया
�गा� िवसज�न
दशहरा
आ���न शक्
ु ल प��
24
चतु�थ�
पापांकुशा
एकादशी
आ���न शक्
ु ल प��
25
पंचमी
प्रदोष व्रत
आ���न शक्
ु ल प��
26
ष�ी
आ���न शक्
ु ल प��
27
सप्तमी
कोजागरी पूजा
शरद पू�ण�� मा
28
महिष�� वा��मक� जयंती
आ���न शक्
ु ल प��
अ�मी
29
चन्द्र ग्रहण
*आं�शक
काित�� क कृष्ण प��
प्रितपदा
आ���न शक्
ु ल प��
नवमी
काित�� क कृष्ण प��
िद्वतीया
आ���न शक्
ु ल प��
30
दशमी
काित�� क कृष्ण प��
तृतीया
आ���न शक्
ु ल प��
31
एकादशी
आ���न शक्
ु ल प��
आ���न शक्
ु ल प��
द्वादशी/त्रयोदशी चतुद�शी
आ���न शक्
ु ल प��
पू�ण�� मा
सम्पक� सूत्र @
9354422798
सव�मङ्गलमाङ्गल्ये �शवे सवा�थस
� ा��धके। शरण्ये �म्बके गौ�र नाराय�ण नमोऽस्तु ते॥
हे नारायणी! आप सब प्रकार का मङ्गल प्रदान करनेवाली मङ्गलमयी हो। कल्याणदा�यनी �शवा हो।
सब पु�षा�थ� को �सद्ध करनेवाली, शरणागत व�सला, तीन नेत्रोंवाली माँ गौरी हो। आपको नमस्कार है।
जो आनं द �स�� धु सुखरासी।
सीकर त� त्रैलोक सुपासी॥
सो सुख�धाम राम अस नामा।
अ�खल लोक दायक िब�श्रामा॥
काितक/माग�शीष�
श्री बद्रीना�थ धाम
िव.सं. 2080
नवंबर 2023
शरद ऋतु
रिववार
सोमवार मंगलवार बुधवार
करवा चौ�थ
वक्रतुण्ड संक�ी
1
गु�वार
2
शु�वार शिनवार
3
4
चतु�थ�
काित�� क कृष्ण प��
काित�� क कृष्ण प��
चतु�थ�
5
अहोई अ�मी
रा�धा कुण्ड स्नान
काित�� क कृष्ण प��
काित�� क कृष्ण प��
अ�मी
12
द�पावली
नरक चतुद�शी
7
6
नवमी
काित�� क कृष्ण प��
13
दशमी
गोव�ध�न पूजा
भैया �ज
काित�� क कृष्ण प��
14
चन्द्र दश�न
गोव�स द्वादशी
रमा एकादशी
9
काित�� क कृष्ण प��
15
एकादशी
काित�� क कृष्ण प��
ष�ी
पंचमी
8
दशमी
काित�� क कृष्ण प��
धनतेरस
प्रदोष व्रत
सप्तमी
10
काित�� क कृष्ण प��
16
द्वादशी
वृ���क संक्रा�न्त
काली चौदस
11
काित�� क कृष्ण प��
17
त्रयोदशी
18
नूतन वष� आर�
काित�� क कृष्ण प��
काित�� क कृष्ण प��
चतुद�शी
19
छठ पूजा
काित�� क शक्
ु ल प��
अमावस्या
अ�मी
देव द�पावली
गंगा स्नान
काित�� क शक्
ु ल प��
चतुद�शी
20
काित�� क शक्
ु ल प��
ष�ी/सप्तमी
26
काित�� क शक्
ु ल प��
गु� नानक जयंती
काित�� क शक्
ु ल प��
पू�ण�� मा
प्रितपदा
काित�� क शक्
ु ल प��
21
काित�� क शक्
ु ल प��
27
नवमी
माग�शीष� कृष्ण प��
प्रितपदा
िद्वतीया
कंस व�ध
काित�� क शक्
ु ल प��
22
काित�� क शक्
ु ल प��
28
दशमी
माग�शीष� कृष्ण प��
िद्वतीया
तृतीया
देवो�ान
एकादशी
काित�� क शक्
ु ल प��
23
काित�� क शक्
ु ल प��
29
एकादशी
संक�ी गणेश
चतु�थ�
चतु�थ�
तुलसी िववाह
प्रदोष व्रत
काित�� क शक्
ु ल प��
30
द्वादशी
काित�� क शक्
ु ल प��
24
पंचमी
25
काित�� क शक्
ु ल प��
त्रयोदशी
माग�शीष� कृष्ण प��
तृतीया
ये जो आनं द के समुद्र और सुख क� रा�श ह�, �जस (आनं द�स�� ध)ु के एक कण से तीनों लोक सुखी होते ह�,
उन (आपके सबसे बड़े पुत्र) का नाम 'राम' है, जो सुख का भवन और संपूण� लोकों को शांित देनव
े ाला है।
ये िह संस्पश�जा भोगा �ःखयोनय एव ते।
आद्यन्तवन्तः कौन्तेय न तेषु रमते बु�धः।।
।। 5.22।।
सवामी रामसुखदास �
इ�न्द्रय त�था िवषयों के संयोग से उ�प�
होने वाले जो भोग ह� वे �:ख के ही हेतु ह�,
�ोंिक वे आिद-अन्त वाले ह�।
बु�द्धमान् पु�ष उनम� नहीं रमता।।
माग�शीष�/पौष
िव.सं. 2080
िदसंबर 2023
हेमत
ं ऋतु
रिववार
31
सोमवार मंगलवार बुधवार
शु�वार शिनवार
गु�वार
1
पौष कृष्ण प��
चतु�थ�
माग�शीष� कृष्ण प��
माग�शीष� कृष्ण प��
ष�ी
प्रदोष व्रत
माग�शीष� कृष्ण प��
10
माग�शीष� कृष्ण प��
त्रयोदशी
श्री राम सीता िववाह
पंचमी
प्रदोष व्रत
माग�शीष� शक्
ु ल प��
त्रयोदशी
सप्तमी
17
चतुद�शी
11
24
तुलसी पूजन िदवस
माग�शीष� शक्
ु ल प��
चतुद�शी
अ�मी
18
अमावस्या
माग�शीष� कृष्ण प��
12
25
द�ात्रेय जयन्ती
माग�शीष� शक्
ु ल प��
पू�ण�� मा
नवमी
19
प्रितपदा
13
26
पौष कृष्ण प��
प्रितपदा
7
दशमी
चन्द्र दश�न
20
िद्वतीया
14
27
पौष कृष्ण प��
िद्वतीया
8
एकादशी
21
तृतीया
गीता जयन्ती
मो��दा एकादशी
15
28
पौष कृष्ण प��
िद्वतीया
9
द्वादशी
धनु संक्रा�न्त
16
माग�शीष� शक्
ु ल प��
22
माग�शीष� शक्
ु ल प��
दशमी
पंचमी
माग�शीष� कृष्ण प��
माग�शीष� शक्
ु ल प��
माग�शीष� शक्
ु ल प��
नवमी
उ�प�ा एकादशी
माग�शीष� कृष्ण प��
माग�शीष� कृष्ण प��
माग�शीष� शक्
ु ल प��
माग�शीष� शक्
ु ल प��
अ�मी
संक�ी चतु�थ�
माग�शीष� कृष्ण प��
माग�शीष� शक्
ु ल प��
माग�शीष� शक्
ु ल प��
सप्तमी
6
5
माग�शीष� कृष्ण प��
माग�शीष� शक्
ु ल प��
ष�ी
कालभैरव जयन्ती
माग�शीष� कृष्ण प��
माग�शीष� कृष्ण प��
माग�शीष� शक्
ु ल प��
पंचमी
4
3
चतु�थ�
2
चतु�थ�
मो��दा एकादशी
23
माग�शीष� शक्
ु ल प��
29
एकादशी/द्वादशी
अखुर�थ संक�ी
चतु�थ�
30
पौष कृष्ण प��
तृतीया
शकनोतीहैव यः सोढु ं �ाकशरीरिवमो�णात्। काम�ोधो�वं वेगं स यु�ः स सुखी नरः।5.23।
जो मनुषय इसी लोक म� शरीर �ागने के पूव� ही काम और �ोध से उतप� �ए वेग को सहन करने म� समथ� है,
वह योगी (यु�) और सुखी मनुषय है।
स�, िकसी समाज का सम्मान नहीं करता। समाज को
ही स� का सम्मान करना पड़ेगा, अन्य�था समाज का
िवनाश हो जाएगा। स� ही समस्त प्रा�णयों और
समाजों का मूल आ�धार है, अतः स� कभी भी समाज
के अनुसार अपना गठन नहीं करेगा।
पौष/माघ
स्वामी िववेकानं द जी
िव.सं. 2080
जनवरी 2024
िशिशर ऋतु
रिववार
सोमवार मंगलवार बुधवार
1
पौष कृष्ण प��
पौष कृष्ण प��
पंचमी
7
सफला एकादशी
पौष कृष्ण प��
ष�ी
8
3
2
प्रदोष व्रत
4
पौष कृष्ण प��
सप्तमी
9
गु�वार
पौष कृष्ण प��
नवमी
11
6
5
पौष कृष्ण प��
अ�मी
10
शु�वार शिनवार
चं द्र दश�न
स्वामी िववेकानं द
दशमी
12
13
जयंती
पौष कृष्ण प��
पौष कृष्ण प��
एकादशी
द्वादशी
14
पौष शक्
ु ल प��
तृतीया/चतु�थ�
पौष पुत्रदा
एकादशी,
वैकुंठ एकादशी
मकर संक्रा�न्त
पों गल
पंचमी
15
22
28
सकट चौ�थ
लम्बोदर संक�ी
प्रदोष व्रत
पौष शक्
ु ल प��
23
पौष शक्
ु ल प��
29
त्रयोदशी
सप्तमी
18
24
अ�मी
शाक�री
पू�ण�� मा
पौष शक्
ु ल प��
चतुद�शी
पू�ण�� मा
31
पौष शक्
ु ल प��
प्रितपदा
पौष शक्
ु ल प��
पौष शक्
ु ल प��
30
पौष शक्
ु ल प��
अमावस्या
17
16
ष�ी
पौष कृष्ण प��
चतुद�शी
पौष शक्
ु ल प��
पौष शक्
ु ल प��
द्वादशी
पौष कृष्ण प��
त्रयोदशी
पौष शक्
ु ल प��
21
पौष शक्
ु ल प��
एकादशी
पौष कृष्ण प��
िद्वतीया
पौष शक्
ु ल प��
25
20
19
नवमी
गणतं त्र िदवस
माघ कृष्ण प��
प्रितपदा
पौष शक्
ु ल प��
26
दशमी
27
माघ कृष्ण प��
िद्वतीया
चतु�थ�
माघ कृष्ण प��
तृतीया
माघ कृष्ण प��
चतु�थ�
माघ कृष्ण प��
चतु�थ�
माघ कृष्ण प��
पंचमी
वही समाज सब से श्रे� है, जहाँ सभी स�ों को काय� म� प�रवित�� त िकया जा सकता है। यिद
समाज इस समय उच्चतम स�ों को स्थान देने म� सम�थ� नहीं है, तो उसे इस योग्य बनाओ। और
�जतना शीघ्र तुम ऐसा कर सको, उतना ही अ�ा है।
जननी ज�भू�म�� स्वगा�दिप गरीयसी।
जननी और ज�भू�म स्वग� से भी श्रे� ह�।
माघ/फालगुन
छत्रपित �शवाजी महाराज
िव.सं. 2080
फरवरी 2024
िशिशर ऋतु
रिववार
सोमवार मंगलवार बुधवार
गु�वार
1
माघ कृष्ण प��
5
माघ कृष्ण प��
माघ कृष्ण प��
नवमी
चं द्र दश�न
दशमी
11
माघ शक्
ु ल प��
िद्वतीया
18
माघ शक्
ु ल प��
नवमी
फा�गुन कृष्ण प��
प्रितपदा
छत्रपित �शवाजी
जयंती
12
25
फा�गुन कृष्ण प��
िद्वतीया
एकादशी
कु� संक्रा�न्त
19
चतु�थ�
जया एकादशी
13
26
फा�गुन कृष्ण प��
तृतीया
7
द्वादशी
वसन्त प�मी
20
पंचमी
प्रदोष व्रत
14
21
27
िद्वजिप्रय संक�ी
चतु�थ�
फा�गुन कृष्ण प��
चतु�थ�
ष�ी
15
28
मौनी अमावस
9
22
चतुद�शी/अमावस्या प्रितपदा
र�थ सप्तमी,
भीष्म अ�मी
सप्तमी
माघ शक्
ु ल प��
29
10
माघ शक्
ु ल प��
16
माघ शक्
ु ल प��
माघ शक्
ु ल प��
त्रयोदशी
अ�मी
माघ कृष्ण प��
माघ शक्
ु ल प��
माघ शक्
ु ल प��
द्वादशी
8
त्रयोदशी
माघ कृष्ण प��
सप्तमी
माघ कृष्ण प��
माघ शक्
ु ल प��
माघ शक्
ु ल प��
एकादशी
प्रदोष व्रत
माघ कृष्ण प��
माघ शक्
ु ल प��
माघ शक्
ु ल प��
दशमी
6
माघ कृष्ण प��
माघ शक्
ु ल प��
तृतीया
षटितला एकादशी
3
2
माघ कृष्ण प��
ष�ी
4
शु�वार शिनवार
चतुद�शी
17
माघ शक्
ु ल प��
23
अ�मी
24
माघ शक्
ु ल प��
पू�ण�� मा
फा�गुन कृष्ण प��
पंचमी
अ�धम�णध
ै ते तावत् ततो भद्रा�ण पश्यित। ततः सप�ान् जयित समूलस्तु िवनश्यित॥१७४॥
अ�धम� से व्य�क्त पहले अल्पकाल के �लए उ�ित करता, सुख भोगता व शत्रुओं पर िवजय प्राप्त करता �आ प्रतीत होता ह�, परन्तु अं त म� समूल न� हो जाता है।
इस कारण मनुष्य को ��णक लाभ के �लए स� और धम� का �ाग कदािप नहीं करना चािहए।
अिवनाशी त�व ( ब्र� ) ही स� है,
ये भौितक संसार अस� है,
( नाशवान् ) है।
ब्र� स�ं जगत् �म�थ्या।
फालगुन/चै�
श्री महाकाल धाम उ�ैन
िव.सं. 2080
माच� 2024
वसंत ऋतु
रिववार
31
चैत्र कृष्ण प��
ष�ी
सोमवार मंगलवार बुधवार
चैत्र कृष्ण प��
िवक्रम सम्वत 2080 समाप्त
8 अप्रैल
सम्पक� सूत्र @9354422798
अ�मी
10
अमावस्या
17
फा�गुन शक्
ु ल प��
अ�मी
छोटी होली,
हो�लका दहन
प्रितपदा
11
24
वसन्त पू�ण�� मा,
होली,
नवमी/दशमी
12
फा�गुन शक्
ु ल प��
18
िद्वतीया/तृतीया
19
फा�गुन शक्
ु ल प��
फा�गुन शक्
ु ल प��
नवमी
5
25
दशमी
िवजया एकादशी
ष�ी
13
फा�गुन शक्
ु ल प��
चतु�थ�
आमलक�
एकादशी
20
फा�गुन शक्
ु ल प��
26
एकादशी
द्वादशी
मीन संक्रा�न्त
14
प्रदोष व्रत
त्रयोदशी
9
8
फा�गुन कृष्ण प��
15
चतुद�शी
फा�गुन शक्
ु ल प��
फा�गुन शक्
ु ल प��
फा�गुन शक्
ु ल प��
पंचमी
ष�ी
सप्तमी
21
फा�गुन शक्
ु ल प��
27
महा �शवराित्र,
फा�गुन कृष्ण प��
फा�गुन कृष्ण प��
फा�गुन कृष्ण प��
एकादशी
7
6
2
फा�गुन कृष्ण प��
ष�ी
फा�गुन कृष्ण प��
फा�गुन शक्
ु ल प��
फा�गुन कृष्ण प��
1
फा�गुन कृष्ण प��
4
फा�गुन कृष्ण प��
सप्तमी
शु�वार शिनवार
सोमवती अमावस्या
3
फा�गुन कृष्ण प��
गु�वार
द्वादशी
22
28
23
फा�गुन शक्
ु ल प��
फा�गुन शक्
ु ल प��
त्रयोदशी
16
29
त्रयोदशी
30
चन्द्र ग्रहण
फा�गुन शक्
ु ल प��
चतुद�शी
फा�गुन शक्
ु ल प��
पू�ण�� मा
चैत्र कृष्ण प��
चैत्र कृष्ण प��
चैत्र कृष्ण प��
चैत्र कृष्ण प��
चैत्र कृष्ण प��
प्रितपदा
िद्वतीया
तृतीया
चतु�थ�
पंचमी
उठो, इस भ्रम को �मटा दो िक तुम िनब�ल हो। तुम एक अमर आ�मा हो, स्व�ंद जीव हो,
धन्य हो, सनातन हो। तुम त�व नहीं हो, त�व तुम्हारा सेवक है, तुम त�व के सेवक नहीं हो।
यद्यिप कल�डर क� सामग्री को त्रु�टहीन रखने का य�थासंभव प्रयास िकया गया है, त�थािप िकसी भी िनण�य के �लए अपने स्थानीय िवशेष� से संपक� अवश्य कर�।
samarthya4bharat.com क� पहल @9354422798
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