Uploaded by harsh2227kumar

Conduct Rule

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Please read the following G&SR Rules, no
2.03(a),
2.04,
2.06(b)&
2.11.1(a),(b) and
2.11.2(c),(d) and
Rule175 of Rly act1989 must be follow its
2.03(a) --- Every Rly servant shall be conversant with the rules related to his duties
whether supplied or not with a copy or translation of the rules relating to his duties and the
Rly administration shall ensure that he does so.
2.04. Assistance In observance of rules- Every Rly servant is render assistance in
carrying out these rules and report promptly any breach thereof, which may come to his
notice, to his superior officer and other authority concerned.
Rule no 2.06-Obedience to Rules and orders:- Every Rly servant shall promptly observe
and obey (a)- all rules and special instructions,
(b):- All lawful orders given by his superiors.
Rule no . 2.11.1:-Duty for securing safety:(a):-Every Rly servant shall see that every exertion is made for ensuring the safety of public.
(b):- Every Rly servant shall promptly report to his superior any occurrence affecting the
safe or proper working of Rly which may come to his notice.
2.11.2(c):- Every Rly servant who observes anything wrong with a train or
(d):- any unusual circumstances likely to interfere with the safe running of train, or the
safety of the public, shall take immediate steps, such as the circumstances of the case may
demand, to prevent accident; and where ne essay, advise the nearest Station Master by the
quickest possible means.
Rule 175 or Rly Act 1989:Endangering the safety of persons:- If any Rly servants, when on duty, endangers the safety
of persons-- (a) by disobeying any rule made under this act; or(b) by disobeying any
instruction, direction or order under this act or rules made the under, or
(c) by any rash or negligent act or omission, he shall be punishable with imprisonment for a
term which may extend two year, of wish fine which may extend to one thousand rupees,
or with both
2.03 ननयमों की जानकारी- प्रत्येक रे ऱ सेवक
क) अऩनी ड्यूटी से सम्बंधधत ननयमों से ऩररधित रहे गा, िाहे उसे ननयमों की प्रनत या उसकी ड्यूटी से
सम्बंधधत ननयमों का अनव
ु ाद ददया गया है , अथवा नहीं, तथा रे ऱ प्रशासन यह सनु नश्चित करे गा कक वह
ऐसा कर रहा है ।
2.04 ननयम ऩाऱन में सहयोग
प्रत्येक रे ऱ सेवक इन ननयमों के ऩाऱन में सहयोग दे गा और यदद उसे इन ननयमों के ककसी भंग का ऩता
िऱता है तो वह तुरंत इसकी ररऩोटट अऩने वररष्ठ अधधकारी तथा अन्य सम्बंधधत प्राधधकारी को करे गा।
2.06 ननयमों और आदे शों का ऩाऱन- प्रत्येक रे ऱ सेवक ननम्नलऱखित का तत्ऩरता से ऩाऱन करे गा,
अथाटत:(ि) अऩने वररष्ठों के सभी ववधध संगत आदे शों का।
2.11 संरऺा सुदृढ़ करने का कतटव्य:1 प्रत्येक रे ऱ सेवक(क) जनता की संरऺा सुननश्चित करने के लऱए ऩूरा प्रयत्न करे गा,
(ि) ऐसी हर घटना की, श्जसका उसे ऩता ऱगे और श्जससे रे ऱ के सरु क्षऺत या उधित कायटऩाऱन ऩर
असर ऩड़ता हो, ररऩोटट तुरंत अऩने वररष्ठ अधधकारी को दे गा।
2 यदद कोई रे ऱ सेवक यह दे िता है कक(ग) गाड़ी में कोई िराबी है , अथवा
(घ) कोई ऐसी असाधारण ऩररश्थथनत है श्जनके कारण गाड़ीयों के ननराऩद ऩररिाऱन मे, अथवा जनता
की संरऺा में , कोई बाधा ऩड़ने की संभावना है , तो वह दघ
ट ना रोकने के लऱए उस ऩररश्थथनत में तत्काऱ
ु ट
आवचयक सभी कायटवाही करे गा, और यदद आवचयक है तो यथासंभव शीघ्र साधनों द्वारा समीऩ के थटे शन
माथटर को उसकी सूिना दे गा ऩरं तु गाड़ी ववभाश्जत हो गई हो तो वह रोक (थटॉऩ) हैंड - लसग्नऱ नहीं
ददिायेगा बश्कक धिकऱाकर, संकेत करके या अन्य दस
ु रे तररकों से ऱोकोऩायऱट या गाडट का ध्यान आकवषटत
करने का प्रयत्न करे गा।
रे ऱवे अधधननयम 1989 के ननयम 175:व्यश्ततयों की सुरऺा को संकटाऩन्न करना: यदद कोई रे ऱ सेवा, जो ड्यूटी ऩर है (क)-इस अधधननयम के
अंतगटत बनाए गए ककसी ननयम की अवऻा करके या
(ि) इस अधधननयम या उसके अधीन बनाते गये ननयमों के अधीन ककसी अनुदेश, ननदे श या आदे श की
अवऻा करके या
(ग) ककसी अनुतावऱेऩन के या उऩेऺा ऩुणट कायट या ऱोऩ द्वारा,
ककसी व्यश्तत की सुरऺा को संकटाऩन्न करे गा तो वह कारावास से, श्जसकी अवधध दो वषट तक की हो,
जूमाटने से ,जो एक हजार रूऩए तक का हो सकेगा,या दोनों से, दण्डनीए होगा l
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